गुरुग्राम में ब्राह्मण समाज संगठनों ने राजनेतिक दलों से की टिकट की मांग, चर्चाए है समाज का लगातार गिरता स्तर
सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज:
गुरुग्राम में ब्राह्मण समाज की विभिन्न संगठनों ने राष्ट्रीय पार्टियों से मांग की है कि विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट से किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट दी जाए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर पार्टियों ने समाज की अनदेखी की तो सर्व समाज की महापंचायत बुलाकर सर्वसम्मति से इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान में उतार देंगी।
गुरुग्राम में शनिवार को स्थानीय शमां रेस्टोरेंट में आयोजित एक यूट्यूबरो की वार्ता में संगठनों ने कहा कि राजनीतिक तौर पर अनदेखी का आलम यह है कि कोई भी ब्राह्मण समाज के समर्थन का झूठा दावा कर समाज में भ्रम फैला देता है।
विभिन्न संगठनों से आएं लोगों में आरपी कौशिक,घनश्याम वशिष्ठ, राजकिशन कौशिक, राजेश शर्मा, बेनी प्रसाद गौड़,राहुल भारद्वाज व पंकज पाठक समेत कई ब्राह्मण नेता यहां मौजूद रहे।
ब्राह्मण समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि टिकट की रेस में चल रहे कुछ ब्राह्मण समाज में दरार डालने की कोशिश रहे हैं। समाज उनके बहकावे में नहीं आने वाला है। पूरा समाज एकजुट है और ब्राह्मण प्रत्याशी को ही सपोर्ट करेगा। घनश्याम वशिष्ठ व प्रसाद गौड़ ने कहा कि समाज यह ऐलान करता है कि जो भी पार्टी गुरुग्राम में ब्राह्मण प्रत्याशी को टिकट देगी, समाज गुरुग्राम जिले में पार्टी का खुलकर और पूर्ण समर्थन करेगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अबकी बार भी राजनीतिक पार्टियों ने ब्राह्मण समाज को टिकट नहीं दिया तो सर्व समाज को साथ लेकर ब्राह्मण समाज एक महापंचायत करेगा। गुरुग्राम में निर्दलीय प्रत्याशी उतारने से भी संकोच नहीं करेगा।
वहीं शशिकांत शर्मा व आरपी कौशिक ने कहा कि गुरुग्राम विधानसभा हरियाणा की सबसे बड़ी ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। यहां पूरे प्रदेश में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। गुरुग्राम में ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 75 हजार के आसपास है। इनमें बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिमी बंगाल, हिमाचल, मध्य प्रदेश व अन्य राज्यों से आए ब्राह्मण मतदाताओं को जोड़ दिया जाए यह संख्या करीब एक लाख हो जाती है।
वहीं राजेश शर्मा, व राजकिशन कौशिक ने कहा कि ब्राह्मण समाज समरस समाज है। सर्व समाज को साथ लेकर चलता है व सभी के भले की सोचता है। गुरुग्राम विधानसभा में अभी तक किसी भी पार्टी ने ब्राह्मण को प्रत्याशी नहीं बनाया है। इससे समाज में भारी रोष है। जबकि लंबे समय से ब्राह्मण नेता दमदार तरीके से इस सीट पर अपना दावा भी करते रहे हैं। बावजूद इसके राजनीतिक तौर पर लगातार समाज की अनदेखी की जा रही है। महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि जातीय समीकरणों का हवाला देकर रसूखदार नेता षड्यंत्र के तहत अपने-अपने समाज की वोट अधिक दर्शा कर पार्टियों को गुमराह कर रहे हैं।
वहीं गुरुग्राम में इस बात की चर्चाएं भी जोरों पर है कि इन दिनों ब्राह्मण समाज का स्तर दिनों दिन नीचे गिरता जा रहा है,हर घर, गली, मोहल्ले व रिश्तेदारी में अधिकतर लोगों में मनमुटाव चल रहा है। संस्थाओं में मुकदमे बाजी चल रहें हैं,समाज में जो पहले एकता भाईचारा था,वह अब खत्म हो गया है, समाज में पढ़ाई लिखाई की जगह लोगों के मनों में दबंगी पनप रही है। समाज केवल अपने परिवार का भाईचारा देखता है, समाज का नहीं,अधिकतर युवा वर्ग पाश्चात्य संस्कृति को अपना कर शराब और कबाब का शोकिन होता जा रहा है। अधिकतर युवा अपने बुजुर्गों का आदर-सत्कार करना लगभग भूलता ही जा रहा है। वहीं कुछ छूट भैया नेता जो केवल प्रॉपर्टी डीलिंग करके कुछ धन इकट्ठा करके सो सो बाजी से अपनी नेतागिरी चमका रहे हैं, जबकि भाईचारा और हकीकत से कोसों दूर रहते हैं। अधिकतर विवादों में रहे हैं, कुछ कोई धार्मिक कार्यक्रम करा कर कोई भक्त नहीं बन जाता है, बातें भगवान परशुराम जैसी करते हैं, लेकिन उनके कार्य कदापि नहीं है,इन्हीं सब बातों से लगता है कि ब्राह्मण समाज में खासकर गुड़गांव में कोई दमदार पढ़ा लिखा समझदार नेता ही नहीं है, जिसको राजनीतिक पार्टियों अपना उम्मीदवार बना सके।